RBI रेपो रेट जुलाई 2025: आपकी EMI और निवेश पर असर
1. RBI का निर्णय
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने अपनी मौद्रिक नीति की समीक्षा बैठक में जुलाई 2025 के लिए रेपो रेट को 6.50% पर स्थिर बनाए रखने का निर्णय लिया है। यह लगातार चौथा मौका है जब दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
2. रेपो रेट क्या होता है?
रेपो रेट वह दर होती है जिस पर RBI बैंकों को अल्पकालिक ऋण देता है। जब यह दर कम होती है, तो बैंक सस्ते लोन देते हैं; जब यह बढ़ती है, तो लोन महंगे हो जाते हैं।
3. EMI पर प्रभाव
- होम लोन की EMI में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी।
- कार लोन और पर्सनल लोन की दरें भी स्थिर रहेंगी।
- Floating interest rate पर लिए गए लोन पर राहत बनी रहेगी।
4. निवेशकों के लिए मायने
ब्याज दरें स्थिर रहने से Fixed Deposit (FD) और Recurring Deposit (RD) पर मिलने वाला रिटर्न भी स्थिर रहेगा। जिन लोगों ने हाल ही में FD कराया है, उन्हें अच्छी ब्याज दर का लाभ मिलता रहेगा।
5. शेयर बाजार पर असर
RBI के इस निर्णय को बाजार ने सकारात्मक रूप में लिया है। Sensex और Nifty में बढ़त दर्ज की गई है, खासतौर पर बैंकिंग और रियल एस्टेट सेक्टर में हलचल देखने को मिली है।
6. आम आदमी के लिए सलाह
- अगर आपने लोन लेने की योजना बनाई है, तो यह सही समय हो सकता है।
- निवेश के लिए FD और सरकारी बॉन्ड बेहतर विकल्प हैं।
- EMI प्लानिंग करते समय ब्याज दरों को ध्यान में रखें।
7. निष्कर्ष
RBI द्वारा रेपो रेट स्थिर रखना देश की अर्थव्यवस्था में स्थिरता लाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। इससे लोन धारकों को राहत मिलेगी और निवेशकों को अपने पैसे को सुरक्षित रखने का मौका मिलेगा।