Mirzapur Season 3 Review: कौन बना असली राजा?
Mirzapur Season 3 Review की शुरुआत होती है उस मोड़ से जहाँ पिछला सीजन खत्म हुआ था। कालीन भैया घायल हैं, और गुड्डू पंडित गद्दी पर बैठ चुके हैं। अब सवाल है – क्या वाकई गुड्डू बना है मिर्जापुर का असली राजा?
Release Date: 5 जुलाई 2025
Platform: Amazon Prime Video
मुख्य कलाकार: पंकज त्रिपाठी, अली फज़ल, श्वेता त्रिपाठी, विजय वर्मा, रश्मिका मंडाना
कहानी: सत्ता के लिए खून की होली
इस बार कहानी में नई एंट्री होती है रश्मिका मंडाना की, जो एक राजनैतिक घराने की बेटी हैं। वहीं, शरद शुक्ला और माधुरी यादव भी अपनी चालें चल रहे हैं। कहानी एकदम राजनीतिक दांवपेच और गैंगवार से भरी हुई है।
हाईलाइट: कालीन भैया की वापसी
Fans को जिसका सबसे ज्यादा इंतजार था, वो आखिरकार हुआ — कालीन भैया लौट आए हैं। इस बार पहले से ज्यादा चालाक और निर्दयी बन चुके हैं।
अभिनय की बात करें तो:
- पंकज त्रिपाठी (कालीन भैया): हर सीन में दहशत और शांति का मिश्रण।
- अली फज़ल (गुड्डू पंडित): सत्ता, क्रोध और मानसिक संघर्ष को बखूबी निभाया।
- श्वेता त्रिपाठी (गोलू): cerebral और tactical – एक नई रूप में।
- विजय वर्मा: दो किरदारों में अलग-अलग व्यक्तित्व को निभाया।
- रश्मिका मंडाना: limited स्क्रीनटाइम के बावजूद असरदार प्रदर्शन।
सिनेमैटोग्राफी और निर्देशन
गुरमीत सिंह और मिहिर देसाई की निर्देशन जोड़ी ने इस सीजन में भी सिनेमैटिक क्वालिटी को ऊंचाई पर पहुंचाया है। अंधेरी गलियों, बाजारों और शॉट्स में रियलिज़्म दिखता है।
डायलॉग्स जो याद रहेंगे
- “राजा वही जो खत्म ना हो।”
- “सत्ता की कुर्सी, अब लाशों से होकर निकलेगी।”
- “गोलू अब गोलू नहीं रही… गोली हो गई है।”
कमज़ोरियां
- कुछ एपिसोड की गति काफी धीमी रही।
- Side characters का depth नहीं दिखाया गया।
- कुछ सब-प्लॉट अधूरे रह गए।
कौन सा एपिसोड सबसे दमदार?
एपिसोड 7 में कालीन भैया और गुड्डू पंडित का आमना-सामना होता है। इस सीन में कैमरा वर्क, बैकग्राउंड स्कोर और डायलॉग्स देखने लायक हैं।
निष्कर्ष: क्या देखें या छोड़ें?
अगर आप एक मजबूत कहानी, दमदार अभिनय और पॉलिटिकल गैंगवार से भरपूर सीरीज देखना चाहते हैं, तो Mirzapur Season 3 Review कहता है — ये सीजन जरूर देखें।
रेटिंग: 4.5/5
“इस बार मिर्जापुर में खेल सिर्फ खून का नहीं, दिमाग का भी है।”