National Broadband Mission 2.0 – भारत की ग्रामीण इंटरनेट क्रांति
Focus Keyword: National Broadband Mission 2.0
17 जनवरी 2025 को लॉन्च की गई National Broadband Mission 2.0 (NBM 2.0) का मकसद भारत के ग्रामीण इलाकों में फाइबर-आधारित हाई-स्पीड इंटरनेट को 100+ Mbps की स्पीड के साथ पहुँचाना है। इससे 2025–30 तक लगभग 2.7 लाख गाँवों का डिजिटल परिदृश्य बदलेगा।
1. NBM 2.0 – पृष्ठभूमि और महत्व
NBM 2.0, Digital India मिशन का अगला चरण है, जिसका फोकस सिर्फ शहर नहीं बल्कि गाँवों के anchor institutions (जैसे गांव पंचायत, स्कूल, हेल्थ सेंटर) को भी कनेक्ट करना है। यह कार्यक्रम पहले से चल रहे एनबीएम 1.0 को ग्रोथ और तकनीकी विस्तार के साथ आगे ले जाता है।
1.1 आंकड़े जो बताते हैं क्रांति की दिशा
- कुल 2.7 लाख ग्रामीण गाँव तक कनेक्टिविटी का लक्ष्य (पहले 0.5 लाख) है।
- Anchor institutions में ≥100 Mbps की स्थिर ब्रॉडबैंड स्पीड उपलब्ध होगी।
- PHC, स्कूल, पंचायत कार्यालय और public institutions को जोड़ा जाएगा।
2.भारतीय विकास में क्यों अहम?
2.1 डिजिटल असमानता का खात्मा
ग्रामीण और शहरी इलाकों के बीच की डिजिटल divide को पाटने की दिशा में NBM 2.0 एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे rural youth, किसान और MSMEs भी वैश्विक स्तर की डिजिटल सुविधाओं से जुड़े रहेंगे।
2.2 Digital India, Skill India और GatiShakti का synergy
NBM 2.0, Digital India, Skill India और PM GatiShakti जैसी पहल के साथ मिलकर एक मजबूत डिजिटल इकोसिस्टम तैयार करेगा।
3. लाभ व्यवहारिक रूप में
3.1 शिक्षा और skill विकास
ऑनलाइन क्लास, डिजिटल ट्रेनिंग, और hybrid शिक्षा प्रणाली ग्रामीण छात्रों तक सीधे पहुंचेंगी। इससे देश के remote इलाकों में quality education पहुंचेगी।
3.2 टेलीमेडिसिन और स्वास्थ्य सेवाएँ
PHC में टेलीमेडिसिन, e-prescription और रिमोट मॉनिटरिंग संभव होगी—जिससे ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाएँ सुधरेंगी।
3.3 कृषि में सुधार और स्मार्ट फार्मिंग
किसान फ़सल, mandi rate, मौसम अपडेट और पाठ्यक्रम जैसे डिजिटल टूल्स तक पहुंच पाएंगे—जैसे e-NAM, किसान पोर्टल आदि।
3.4 MSME और वित्तीय समावेश
Digital payments, micro-loans, और बिटकॉइन स्कूल—ग्रामीण उद्यम डिजिटल बाजार से जुड़ सकेंगे। इससे आत्मनिर्भरता और रोजगार के मौके बढ़ेंगे।
4. कार्यान्वयन – रोडमैप & पार्टनरशिप
भारत सरकार, राज्य सरकारें, PSUs, निजी टेलीकॉम कंपनियाँ, NGOs और स्थानीय SMEs मिलकर इसे क्रियान्वित करेंगे:
- 2025–26: आधारभूत infra विकास, fiber-laying और towers स्थापना।
- 2027–28: Anchor connectivity सुनिश्चित, bandwidth testing और coverage expansion।
- 2030: 2.7 लाख गाँवों में ≥100 Mbps की ब्रॉडबैंड सुविधा।
5. चुनौतियाँ और समाधान के उपाय
- 💰 Funding: केंद्र व राज्य सरकारों से coordination और fund allocation जरूरी होगा।
- 🔌 Last-mile Connectivity: Wireless और Satellite solutions द्वारा remote areas में पहुंच बनाई जा सकती है।
- 🛠️ Maintenance: स्थानीय स्तर पर technical training और workforce तैयार किया जाना चाहिए।
- ⚖️ Regulation और Spectrum: राज्य-केन्द्र और telecom कंपनियों में spectrum एवं regulation की सहमति आवश्यक है।
6. केस स्टडी और उदाहरण
उत्तर प्रदेश के कुछ मॉडल ब्लॉक मॉडर्न ब्रॉडबैंड सपोर्ट के साथ मॉडल पंचायत बन रहे हैं। इसी तरह, राजस्थान और मध्य प्रदेश में pilot villages ने digital education का फायदा उठाया है।
7. भविष्य की दिशा
जैसे-जैसे High-speed इंटरनेट पहुंचेगा, ग्रामीण भारत से निकलकर नए व्यवसाय, remote work और digital startups का उदय होगा। यह भारत को SMART village के मॉडल की तरफ़ ले जा सकता है।
8. निष्कर्ष
National Broadband Mission 2.0 भारत में डिजिटल समावेशिता, शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक संभावनाओं को बढ़ाने वाला एक game-changing initiative है। सफलता डेटा आश्वस्त करेगी, लेकिन इसके प्रदर्शन की आधारशिला execution और partners की collaboration होगी।